गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं के साथ आज एक ख़ास
गीत.................
राष्ट्र गीत के धुन निर्माता कैप्टन राम
सिंह...............आज़ाद हिन्द फ़ौज में कैप्टन रहे राम सिंह ठाकुर ने 20 जून, 1946 को बाल्मीकि भवन
में महात्मा गांधी के समक्ष “शुभ सुख चैन की बरखा बरसे” गीत गाकर उन्हें भी अपनी मुरीद बना लिया। 15 अगस्त, 1947 को राम सिंह के
नेतृत्व में आई०एन०ए० के आर्केस्ट्रा ने लाल किले पर “शुभ-सुख चैन की
बरखा बरसे” गीत की धुन बजाई। यह गीत रवीन्द्र नाथ टैगोर जी के “जन-गण-मन” का हिन्दी अनुवाद
था और इसे कुछ संशोधनों के साथ नेताजी के खास सलाहकारों के साथ नेता जी ने ही लिखा
था और इसकी धुन बनाई थी कै० राम सिंह ठाकुर ने “कौमी तराना” नाम से यह गीत आजाद हिन्द फौज का राष्ट्रीय गीत बना, इस गीत की ही धुन
को बाद में “जन-गण-मन” की धुन के रुप में प्रयोग किया गया। इस तरह से हमारे राष्ट्र गान की
धुन राम सिंह जी द्वारा ही बनाई गई है।
भारत भाग्य है जागा
पंजाब, सिंधु, गुजरात, मराठा
द्राविड़, उत्कल, बंगा
चंचल सागर, विंध्य हिमालय
नीला यमुना गंगा
तेरे नित गुण गाएं
तुझसे जीवन पाएं
सब जन पाएं आशा
सूरज बनकर जग पर चमके
भारत नाम सुभागा
जय हो, जय हो, जय
हो, जय
जय जय जय हो
भारत नाम सुभागा
सबके मन में प्रीत बसाए
तेरी मीठी वाणी
हर सूबे के रहनेवाले
हर मज़हब के प्राणी
सब भेद और फर्क मिटा के
सब गोद में तेरी आगे
गूँथें प्रेम की माला
सूरज बनकर जग पर चमके
भारत नाम सुभागा
जय हो जय हो जय हो
जय हो, जय हो, जय
हो, जय
जय जय जय हो
भारत नाम सुभागा
सुबह सवेरे पंख पखेरू
तेरे ही गुण गाएं
बास भरी भरपूर हवाएं
जीवन में ॠतु लाएं
सब मिलकर हिंद पुकारें
जय आज़ाद हिंद के नारे
प्यारा देश हमारा सूरज बनकर जग पर चमके
भारत नाम सुभागा
जय हो, जय हो, जय
हो, जय
जय जय जय हो
भारत नाम सुभागा
इस राष्ट्रगान का हिन्दी में अर्थ बताये
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